दसमेश गर्ल्स महाविद्यालय चक् अल्लाह बख़्श , मुकेरियां में प्राचार्या डॉ. करमजीत कौर जी के सद्मार्गदर्शन में कॉलेज की एक भारत श्रेष्ठ भारत समिति एवं हिंदी साहित्य परिषद् तथा हिंदी स्नातकोत्तर विभाग द्वारा हिंदी दिवस बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया । कार्यक्रम का आगाज़ शब्द गायन से किया गया। हिंदी साहित्य प्रेमी छात्राओं ने पद्य एवं गद्य की विभिन्न विधाओं पर अपने विचार अभिव्यक्त किए। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कहानी लेखन, निबंध लेखन और काव्य लेखन प्रतियोगिताएं करवाई गईं। विजयी छात्राओं को स्मृति चिन्हों से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रिं. डॉ. करमजीत कौर ने अपने वक्तव्य को छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिंदी भारत की एक उत्कृष्ट भाषा बन चुकी है। 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। प्रथम हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया था । संविधान के अनुच्छेद 343(1) में इसका उल्लेख मिलता है। फारसी शब्द ‘हिंद’ से बने हिंदी का अर्थ है- सिंधु नदी की भूमि।तकनीकी प्रगति ने हिंदी को एक महत्वपूर्ण वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित किया है। प्रवासी भारतीयों एवं अंतर्राष्ट्रीय पाठकों के बीच भी इसको विशिष्ट स्थान प्राप्त है।आज हिंदी हमारी राजभाषा है और सभी राजकीय कार्यों में प्रयुक्त होकर उनका गौरव बढ़ाती है। विदेशों में भी इसका प्रचलन बढ़ रहा है।2009 में गूगल ने अपने सर्च इंजन में इसकी शुरुआत की थी । दुनिया के 200 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली और 150 से ज्यादा देशों में बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।हमारी परंपराएं, संस्कृति, सभ्यता सब भाषा ही बयां करती है। इससे हमारे संबंध अवश्यमेव घनिष्ठित्तर होंगे । हिंदी दिवस न केवल हिंदी भाषा के महत्व को मान्यता देने का दिन है बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि भाषा के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक मूल्यों को कैसे समझ सकते हैं। इसकी रक्षा तथा प्रोत्साहन में हम सभी को अपना सहयोग देना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. रीना कुमारी, सुश्री मानव, सुश्री रूपाली एक भारत श्रेष्ठ भारत समिति की इंचार्ज सहायक प्रो .सुरभि अबरोल तथा छात्राएं विशेष रूप में उपस्थित रहीं। श्री गुरु गोविंद सिंह एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष स. रविंदर सिंह चक् एवं समस्त समिति सदस्यों ने कार्यक्रम संयोजकों तथा छात्राओं की सराहना करते हुए भविष्य में ऐसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित करते रहने के लिए प्रेरित किया।